Friday, January 16, 2009

तरानो को तरन्नुम की तलाश है,
बागानों को तबस्सुम की तलाश है,
हौसला बुलंद है , लब्जों में,
नौजवानों को दिलेज़ुनूं की तलाश है।
फिक्र किसे है,मादरे वतन की,खामोश
निगाहों को अश्कों की तलाश है।
अरे कायर हुक्मरानों ,माँ का दामन बचाने,
क्या फिरंगिओं की तलाश है.

8 comments:

  1. हौसला बुलंद है , लब्जों में,
    नौजवानों को दिलेज़ुनूं की तलाश है।

    क्या बात है...........खूबसूरत शेर
    स्वागत है आपका

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  2. तरानो को तरन्नुम की तलाश है,
    बागानों को तबस्सुम की तलाश है
    bahut achchhe bhav evam shabd.
    bahut sundar.

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  3. आज आपका ब्लॉग देखा... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है की आपके शब्दों को ऐसी ही ही नित-नई ऊर्जा, शक्ति और गहरे अर्थ मिलें जिससे वे जन सरोकारों की सशक्त अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बन सकें....
    कभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर पधारें;-
    http://www.hindi-nikash.blogspot.com


    शुभकामनाओं सहित सादर-
    आनंदकृष्ण, जबलपुर

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  4. aapki shabdo par gahree pakad hai . bahut hi jabardast likha hai aapne.ye line dohrana chahuga----अरे कायर हुक्मरानों ,माँ का दामन बचाने,
    क्या फिरंगिओं की तलाश है.

    -----------------------------------------------------"VISHAL"

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  5. भाव और विचार के श्रेष्ठ समन्वय से अभिव्यक्ति प्रखर हो गई है । विषय का विवेचन अच्छा किया है । भाषिक पक्ष भी बेहतर है । बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
    मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  6. achha likha hai....likhte rahen swagat hai....samay ke sath blog par swagat hai...

    jai ho magalmay ho

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  7. रसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति

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