तरानो को तरन्नुम की तलाश है,
बागानों को तबस्सुम की तलाश है,
हौसला बुलंद है , लब्जों में,
नौजवानों को दिलेज़ुनूं की तलाश है।
फिक्र किसे है,मादरे वतन की,खामोश
निगाहों को अश्कों की तलाश है।
अरे कायर हुक्मरानों ,माँ का दामन बचाने,
क्या फिरंगिओं की तलाश है.
Friday, January 16, 2009
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हौसला बुलंद है , लब्जों में,
ReplyDeleteनौजवानों को दिलेज़ुनूं की तलाश है।
क्या बात है...........खूबसूरत शेर
स्वागत है आपका
तरानो को तरन्नुम की तलाश है,
ReplyDeleteबागानों को तबस्सुम की तलाश है
bahut achchhe bhav evam shabd.
bahut sundar.
आज आपका ब्लॉग देखा... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है की आपके शब्दों को ऐसी ही ही नित-नई ऊर्जा, शक्ति और गहरे अर्थ मिलें जिससे वे जन सरोकारों की सशक्त अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बन सकें....
ReplyDeleteकभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर पधारें;-
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
aapki shabdo par gahree pakad hai . bahut hi jabardast likha hai aapne.ye line dohrana chahuga----अरे कायर हुक्मरानों ,माँ का दामन बचाने,
ReplyDeleteक्या फिरंगिओं की तलाश है.
-----------------------------------------------------"VISHAL"
bahut khoob
ReplyDeleteभाव और विचार के श्रेष्ठ समन्वय से अभिव्यक्ति प्रखर हो गई है । विषय का विवेचन अच्छा किया है । भाषिक पक्ष भी बेहतर है । बहुत अच्छा लिखा है आपने ।
ReplyDeleteमैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
achha likha hai....likhte rahen swagat hai....samay ke sath blog par swagat hai...
ReplyDeletejai ho magalmay ho
रसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
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