tag:blogger.com,1999:blog-77925830159259370802024-02-19T23:57:57.405-08:00swativyassweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-29777051028754664072009-12-05T07:25:00.000-08:002009-12-05T07:40:05.163-08:00अनकही.<span style="color:#ff99ff;">एक </span><span style="color:#cc33cc;">अनकही कहानी,</span><br /><span style="color:#cc33cc;">कह रही आँखों की जुबानी ।</span><br /><span style="color:#6633ff;">वो बिटिया एक गरीब किसान की ,</span><br /><span style="color:#6633ff;">सुंदर सलोनी सुहानी।</span><br /><span style="color:#6633ff;">उसकी आँखों में नही है सपने,</span><br /><span style="color:#663366;">पिता की मजबूरी की कसक है,</span><br /><span style="color:#cc6600;">कैसी होगी ज़िन्दगी उसकी ,</span><br /><span style="color:#990000;">तलाशती निगाहों की भरी पलक है।</span><br /><span style="color:#000000;">तन पे लज्जा वस्त्र नही पूरा,</span><br />छीन गया है दाना-पानी ।<br /><span style="color:#ff0000;">अक्षरों का ज्ञान उसे नही है,</span><br /><span style="color:#ff0000;">प्रतिभा का भान उसे नही है।</span><br /><span style="color:#330033;">उसे तो बस बेलनी है रोटियां।</span><br /><span style="color:#330033;">निज गरिमा का अभिमान उसे नही है।</span><br /><span style="color:#000099;">क्या कोई सुन सकेगा,</span><br /><span style="color:#000099;">उसकी ये अनकही कहानी,</span><br /><span style="color:#000099;">क्या कोई उसे दे सकेगा ,</span><br /><span style="color:#000099;">सपने आसमानी।</span><br /><span style="color:#cc33cc;">ये बिटिया ही सहचरी बनती है,</span><br /><span style="color:#cc33cc;">माँ बन पुरूष का पालन करती है।</span><br /><span style="color:#cc33cc;">अपनी हर भूमिका में यह बिटिया,</span><br /><span style="color:#cc33cc;">खरी उतरती है।</span><br /><span style="color:#330033;">क्या कभी बदलेगी ,</span><br /><span style="color:#330033;">इसकी ये अनकही कहानी,</span><br /><span style="color:#330033;">ये आँखों की वीरानी ... </span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-36283688912529628932009-11-04T07:23:00.000-08:002009-11-04T07:31:44.684-08:00पुकार.मै प्रभंजन में भी,ले खड़ी हु एक दिया,<br />विश्वास की बाती है,<br />स्नेह सिक्त है यह छोटा सा दिया,<br /><span class="">घोर अंधेरे मे भी बिखर रहा है,</span><br /><span class="">इसका मद्धम उजास।</span><br /><span class="">इस पथपर भी आएगा पथिक कोई,</span><br /><span class="">ऐसी है मन मे आस ,</span><br /><span class="">आज गूंजता आर्तनाद है,</span><br /><span class="">सुनाई पड़ती है मानवता की चीत्कार।</span><br /><span class="">फ़िर भी आशा की लौ कह रही ,</span><br /><span class="">सुनी जायेगी हमारी पुकार.</span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-21640169714547786432009-05-30T05:11:00.000-07:002009-05-30T05:20:05.129-07:00मुसाफिर.मुसाफिर का सवाल है,<br />मंजिल कब मय्यसर होगी?<br /><span class="">पर सवाल करने का ,</span><br /><span class="">हक़ तुझे नही,ऐ मुसाफिर।</span><br /><span class="">चलते-चलते बीतेगी जिंदगानी,</span><br /><span class="">या फ़िर मंजिल तेरे नज़र होगी।</span><br /><span class="">तू हौसला अपना बुलंद रखना,</span><br /><span class="">सोच समझ कर राह पर कदम धरना</span><br /><span class="">झुकेगी एक दिन खुदाई ,</span><br /><span class="">इस रात की भी एक सहर होगी।</span><br /><span class="">कोई फूलों को चूम कर इठला रहा है,</span><br /><span class="">कोई कांटे चुभे ज़ख्म सहला रहा है।</span><br /><span class="">पोंछ के अश्क तू देख,</span><br /><span class="">कल तेरी किस्मत आज से बेहतर होगी.</span><br /><span class=""></span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-90198825922906605192009-05-03T04:09:00.000-07:002009-05-03T04:27:37.565-07:00चिंतन.<span style="color:#ff0000;">वेदों की वाणी में,पुराणों की कहानी में ,</span><br /><span style="color:#000000;">स्मृतियों के विधानों में,शास्त्रों के </span> समाधानों में,<br /><span style="color:#cc0000;">बसता रहा है , मेरे भारत का चिंतन।</span><br /><span style="color:#cc6600;">ऋषियों के तप में,मुनियों के जप में,</span><br /><span style="color:#cc6600;">क्षत्रियों के बल में,गंगा के पवित्र जल में ,</span><br /><span style="color:#ff0000;">बहता रहा है मेरे भारत का चिंतन।</span><br /><span style="color:#006600;">ब्राह्मणों के स्वाभिमान में,यशश्वी नृपों के दान में,</span><br /><span style="color:#006600;">सती नारियों के मान में,देश-भक्ति के अभिमान में,</span><br /><span style="color:#660000;">रमता रहा है , मेरे भारत का चिंतन।</span><br /><span style="color:#330000;">काल के प्रवाह में,प्रगति की राह में,</span><br /><span style="color:#cc33cc;">सत्ता की चाह में ,स्वजनों की पनाह में,</span><br /><span style="color:#cc33cc;">क्यों दूषित हो रहा है,मेरे भारत का चिंतन।</span><br /><span style="color:#3366ff;">हम युग सृष्टा है,भविष्य दृष्टा है,</span><br /><span style="color:#3366ff;">हम बदलेंगे भारत का चिंतन,</span><br /><span style="color:#993399;">फिर नव प्रभात होगा,भारत का भाग्य भास्कर फिर चमकेगा,</span><br /><span style="color:#993399;">फिर से समृधि की लहर उठेगी,</span><br /><span style="color:#000066;">हर्ष,उत्साह से भर उठेगा हर एक मन,</span><br /><span style="color:#000066;">फिर मुस्कुराएगा मेरे भारत का चिंतन.</span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-17272491835771836762009-02-18T07:41:00.000-08:002009-02-18T07:50:14.816-08:00तलाश.ना जाने किस रोशनी की तलाश है,<br />जीवन के अंधेरे रास्तों में भटक कर ,<br />खो चुके जो अपना वजूद,<br />उन्हें फिर अपनी तलाश है।<br />मै नही,मेरा नही,ये जग है झूठा फ़साना,<br />कौन दोहरा रहा है इसे,<br />किसे नई कहानी की तलाश है।<br />बनते बिगड़ते सपनों के साए,<br />उनमे बिखरती गई जवानी,<br />सपनों के इस खोये जाल में<br /><span class="">एक नई जिंदगानी की तलाश है,</span><br /><span class="">ना जाने किस रोशनी की तलाश है....</span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-35563035895337222202009-02-01T07:35:00.000-08:002009-02-01T07:46:39.100-08:00basantशीत की शिथिलता का हुआ अंत,<br />नव <span style="color:#ff9900;">चेतना की अलख जगाता आया बसंत।</span><br /><span style="color:#ff9900;">नव-निर्माण की आशाएं ,बदल रही प्राचीन परिभाषाएं ,</span><br /><span style="color:#ff6600;">जाग रही हैं मन में अभिनव अभिलाषाएं।</span><br /><span style="color:#990000;">भाग्य भास्कर उदित हो कर ,</span><br /><span style="color:#990000;">करेगा राष्ट्र-नभ को ओजवंत,</span><br /><span style="color:#ff0000;">नव चेतना की अलख जगाता आया बसंत।</span><br /><span style="color:#ff0000;">सृजन है शिव-शक्ति का प्रणय राग,</span><br /><span style="color:#ff0000;">समाहित है इसमे सरस्वती का विराग।</span><br /><span style="color:#ff0000;">ज्ञान सम्मत सृष्टि ही ,</span><br /><span style="color:#ff0000;">है अनादी-है अनंत।</span><br /><span style="color:#ff0000;">नव चेतना की अलख जगाता आया बसंत.</span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-81962821605218884992009-01-28T08:07:00.000-08:002009-01-28T08:21:39.656-08:00शाश्वत मूल्यमुझे शाश्वत मूल्यों की तलाश है<br /><span style="color:#ff6666;">धर्म-मोक्ष की धरा पर आज अर्थ काम का प्राबल्य है,</span><br /><span style="color:#3366ff;">शील-संस्कारों की क्षिति पर आज पनपता चांचल्य है।</span><br /><span style="color:#ff0000;">अज्ञान के तिमिर में से ,अब खोजना संवित प्रकाश है,</span><br /><span style="color:#ff0000;">मुझे शाश्वत मूल्यों की तलाश है।</span><br /><span style="color:#ff0000;">आत्मवंचना का यह क्रम ,अब शिथिल होना चाहिए,</span><br /><span style="color:#3366ff;">अनेतिकता के तामस तत्वों को,अब विलीन होना चाहिए। </span><br /><span style="color:#ff0000;">धर्म केतु से सुशोभित,हमारा पुनीत इतिहास है,</span><br /><span style="color:#ff0000;">मुझे शाश्वत मूल्यों की तलाश है।</span><br /><span style="color:#6666cc;"></span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-46504150395638458472009-01-16T07:58:00.000-08:002009-01-16T08:10:05.994-08:00तरानो को तरन्नुम की तलाश है,<br />बागानों को तबस्सुम की तलाश है,<br /><span style="color:#ff6666;">हौसला बुलंद है , लब्जों में, </span><br /><span style="color:#ff6666;">नौजवानों को दिलेज़ुनूं की तलाश है।</span><br /><span style="color:#3366ff;">फिक्र किसे है,मादरे वतन की,खामोश</span><br /><span style="color:#3366ff;"><span class="">निगाहों को अश्कों की तलाश है।</span></span><br /><span style="color:#3366ff;">अरे कायर हुक्मरानों ,माँ का दामन बचाने,</span><br /><span style="color:#3366ff;">क्या फिरंगिओं की तलाश है.</span>sweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-7792583015925937080.post-24055442161258857382008-12-31T02:50:00.000-08:002008-12-31T03:05:02.200-08:00मेरी कवितापीपल की एक डाली पर , था चिडियों का बसेरा,<br />एक चोटी सी चिडिया के परों पर ,जा बैठा मन मेरा।<br />वो उडी ऊँचे गगन में , हवा से उसकी मित्रता थी,<br />मैं भी मुक्ताकाश मई निकल पड़ी,<br />न सोचा,पात्रता थी।<br />वन,उपवन,तीर,तडाग,<br />सब छोड़ उड़्रचले थे हम ।<br />लगता था सबसे ऊँचे है,<br />सुखद अनुभव था अनुपम।<br />फ़िर अचानक एक तीर ने काट दिए पर चिडिया के,<br />धरती पर आ गिरी वो,<br />टूट गए घरोंदे गुडिया के।<br />पर अंत इति नही ,नव सृजन का आरम्भ है।<br />पतन से उत्थान होता,मिटता केवल दंभ है।<br />सबके साथ स्वयं को जोडो,<br />सबके सुख दुःख स्वीकारो,<br />सबको मान कर अपना फ़िर अपनों को पुकारो।<br />सब में ख़ुद को भूल जाना तभी प्रियतम को पाओगे,<br />नही ऊँचे आकाश का वो वासी,वहां जाओगे तो पछताओगे।<br />जड़ चेतन सबमे वो बसता है,<br />वो ही मीत सयाना है।<br /><span class="">वो मानव है सच्चा,जो उसका दीवाना है।</span><br /><span class=""> स्वाति.</span><br />थाsweet swatihttp://www.blogger.com/profile/13699897390365651085noreply@blogger.com1